फिर आज पूरी रात टीप टीप की सुरमयी आवाज ,
मध्धम मध्धम फुहारें सहलाती रही मुझे यूँ …
जैसे मेरे हाथ को तुम्हारे हाथ में लेते हो जब ,
और पुरे बदनमे सिहरन सी उठती है …
रातकी ख़ामोशी के दुपट्टे पर वो बूंदो की आवाज ,
जैसे एक दुशाले पर टाँके सितारों की चमक सी …
कहीं दूर से आती लैम्पपोस्ट की रोशनीकी किरण पड़ी
वो छतकी मुंडेर पर सुस्ता रही उस बून्द पर …
लगा मुझे जैसे रात में सतरंगी मेघधनु उभरा
मेरे सिरहाने पर तुम्हारा संदेश बनकर ....
गुजारिश है तुम्हे रोज ना आओ यूँ
बारिश का कम्बल लपेटकर रातोंमे ,
तुम्हें ख्वाबोंसे मिलने की जुत्सजु लिए ,
चाँद को लौटाती हूँ जब जागती हूँ रातों में ……
मध्धम मध्धम फुहारें सहलाती रही मुझे यूँ …
जैसे मेरे हाथ को तुम्हारे हाथ में लेते हो जब ,
और पुरे बदनमे सिहरन सी उठती है …
रातकी ख़ामोशी के दुपट्टे पर वो बूंदो की आवाज ,
जैसे एक दुशाले पर टाँके सितारों की चमक सी …
कहीं दूर से आती लैम्पपोस्ट की रोशनीकी किरण पड़ी
वो छतकी मुंडेर पर सुस्ता रही उस बून्द पर …
लगा मुझे जैसे रात में सतरंगी मेघधनु उभरा
मेरे सिरहाने पर तुम्हारा संदेश बनकर ....
गुजारिश है तुम्हे रोज ना आओ यूँ
बारिश का कम्बल लपेटकर रातोंमे ,
तुम्हें ख्वाबोंसे मिलने की जुत्सजु लिए ,
चाँद को लौटाती हूँ जब जागती हूँ रातों में ……
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, दिल,दिमाग और आप - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
aapka hardik dhanyvad ...
हटाएंआपकी सुन्दर रचना पढ़कर यह गाना होंठों पर आ गया ..........
जवाब देंहटाएंटिप-टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में तो, दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो, जल उठा मेरा भीगा बदन,
मेरे बस में नहीं मेरा मन, मैं क्या करूँ
Bahut bahut shukriya aapka ..!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें. और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
जवाब देंहटाएंaapka bahut bahut shukriya ...
जवाब देंहटाएंaapka bahut bahut shukriya ...
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