एहसान या क़र्ज़ कहाँ होता है इस दुनिया में ???
ये तो रिश्तोंको जोड़े रखने का बहानाभर होता है ....
बस मिट्टी के टीले पर बैठे हुए नापते है रिश्तेको ???
माजरा फकत ये है की बस फर्क बैठनेभर का है ...
तुम्हारी वाली मिटटी थोड़ी सी ऊपर है ,
मेरे वाली थोड़े नीचे पर बिछी हुई है ....
आज भी किवाड़े खटकने एक एहसास होता है आधी रात ,
आज भी लगता है शायद दरवज्जे पर हमवतन है खड़ा ....
चूल्हे की खुशबु चिपकी मिलती है राखके लिबास में रोटी पर ,
महक वो सौंधी मिटटीकी हर निवालेमें निगली जाती है ख्यालोंमें ....
पित्ज़ा के टोपीन्गज़ पर पिघला हुआ चीज़ का टुकड़ा
मेरी रोटी पर लगे मक्खनकी याद दिलाता है अक्सर ,
जो चोला बदल कर फिरसे मुझे मिलने आया है .....
ये तो रिश्तोंको जोड़े रखने का बहानाभर होता है ....
बस मिट्टी के टीले पर बैठे हुए नापते है रिश्तेको ???
माजरा फकत ये है की बस फर्क बैठनेभर का है ...
तुम्हारी वाली मिटटी थोड़ी सी ऊपर है ,
मेरे वाली थोड़े नीचे पर बिछी हुई है ....
आज भी किवाड़े खटकने एक एहसास होता है आधी रात ,
आज भी लगता है शायद दरवज्जे पर हमवतन है खड़ा ....
चूल्हे की खुशबु चिपकी मिलती है राखके लिबास में रोटी पर ,
महक वो सौंधी मिटटीकी हर निवालेमें निगली जाती है ख्यालोंमें ....
पित्ज़ा के टोपीन्गज़ पर पिघला हुआ चीज़ का टुकड़ा
मेरी रोटी पर लगे मक्खनकी याद दिलाता है अक्सर ,
जो चोला बदल कर फिरसे मुझे मिलने आया है .....
क्या बात है बहुत खूब ... :)
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अच्छा - बुरा - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
thank u
हटाएंपरदेस में फ़इर यादे वतन जाग उठी है ........
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर
thank u
हटाएंबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
thank u
हटाएंपित्ज़ा के टोपीन्गज़ पर पिघला हुआ चीज़ का टुकड़ा
जवाब देंहटाएंमेरी रोटी पर लगे मक्खनकी याद दिलाता है अक्सर ,
sundar se shabd... dil ko chhoote hue ..:)
thank u
हटाएंBEHTREEN RACHNA...WAH!
जवाब देंहटाएंMAZA AA GAYA
thank u
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