14 अप्रैल 2012

जुबाँ साथ नहीं देती ,

बहुत कुछ कहना है पर जुबाँ साथ नहीं देती ,
प्यार जिसके लिए है दिलमें वो पास नहीं रहती ....
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दिलमें रहते है जो उसकी तस्वीर किसे दिखाए ?
जो आँखोंमें बसे हुए हो उसे ओज़ल कैसे कहे ???
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मेरे सपने तो सोये होते है बंद पलक पर ,
बस कोई आकर उसे दस्तक दे जाता है ,
पलकें खोलते ही होता है दीदार जिनका 
वो सपनेमें भी साथ निभाते है ...

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