कभी जिंदगीमें हम खुदको ढूंढते है ,
कभी जिंदगी खुद हमें ढूंढती है ,
एक दुसरेसे इतने करीब होकर भी
एक दुसरेसे इतने जुदासे क्यों हम होते है ????
हमें जब चाहत न हो
जिंदगी प्यार के पैगाम लेकर आती है ,
और जब चाहते है हम किसीका साथ शिद्दतसे
तो जिंदगी हमें हमारी राहोंमें तनहा छोड़ निकल जाती है !!!!
किसीको जिंदगीभरका सहारा मानते है
वो हममे खुदका सहारा ढूंढता है ...
जिससे उम्मीद न बची हो कोई
वो हमारे लड़खड़ाते कदमोंको संभालता है ....
बस इसे जिंदगी कहते है शायद ,
जब जरुरत हो हमें छोड़ देती है ठोकरें खाने
और जब हम संभलना सिख लेते है खुद ही
तो वो हमसे सहारा मांगती है ....
अच्छे मजाक करती है तू भी
कभी हंसकर रुलाती है कभी रोते रोते हँसाती है ...
कभी जिंदगी खुद हमें ढूंढती है ,
एक दुसरेसे इतने करीब होकर भी
एक दुसरेसे इतने जुदासे क्यों हम होते है ????
हमें जब चाहत न हो
जिंदगी प्यार के पैगाम लेकर आती है ,
और जब चाहते है हम किसीका साथ शिद्दतसे
तो जिंदगी हमें हमारी राहोंमें तनहा छोड़ निकल जाती है !!!!
किसीको जिंदगीभरका सहारा मानते है
वो हममे खुदका सहारा ढूंढता है ...
जिससे उम्मीद न बची हो कोई
वो हमारे लड़खड़ाते कदमोंको संभालता है ....
बस इसे जिंदगी कहते है शायद ,
जब जरुरत हो हमें छोड़ देती है ठोकरें खाने
और जब हम संभलना सिख लेते है खुद ही
तो वो हमसे सहारा मांगती है ....
अच्छे मजाक करती है तू भी
कभी हंसकर रुलाती है कभी रोते रोते हँसाती है ...
भावमय करते शब्दों का संगम...
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