29 फ़रवरी 2012

अभी पहचानलो मुझे ...

सूरजके सौतेले बेटे जैसा मैं
मुझसे ये सौतेला व्यवहार क्यों ???
हर साल मनाई दीवाली तुमने ,
हर साल खेले होरी रे ,
ईद की सेवैया भी खाना नहीं चुके हर साल ,
और क्रिसमस भी खुलकर मनाई रे !!!!!
मैं तो आऊं चार सालमे
मुझे नज़रअंदाज कर जाते हो !!!!
मेरे लिए कोई एक दीपक भी न जलाते हो !!!
जाओ रूठ गया मैं तुमसे
मुडकर वापस न आऊंगा ,
आज शामका सूरज ले जाएगा मुझे
तो चार साल के बाद ही लौट पाउँगा ......
मुझे नहीं पहचाना हो तो 
अभी पहचानलो मुझे ...
२९ फरवरी कहते है मुझे
लिप यर बनकर आता हूँ ये सब जान लो ...

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