कृष्ण ....
नन्द गोपाल जशोदाका लाला ...
बांसुरीवाला .....
जिसके सुरमें खोई हर ब्रिज बाला ......
तू मगन अपनी लगन ....
आज फिर एक सवाल आया मन ....
मैं राधा या मीरा ?????
न राधा बनने चाह कभी .....
बारह साल के मिलने के बाद युगों तक की राह तभी ....
मैं मीरा ...ऐसी लगन ...तोरे नाममें मगन ....
सुध बुध बिसराई तोहरे नामकी लगन लगाई...
मोरे विष पियाले को पिने मोरे हरी खुद ही आई ...
तोरे दरसकी दीवानी पूरी जिंदगी बिसराई ....
एक दिन मीरा कृष्ण कन्हाई की मूरत में समाई .....
मैं मीरा ...प्रेम दीवानी नहीं बस तोहरे दरस की दीवानी ..........
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें