आज एक झोंका आया तेज हवा का और सब कुछ उड़ाकर ले चला ,
मेरी यादोंके सारे बवंडर ,उसके पहलुमें उड़ गए ,
चलो आज फिर जिंदगी हलकी फुलकी सी हो गयी ,
चलो आज फिर जिंदगीके नए मौजू की तलाश शुरू हो गयी .....
मुमकिन है ये मुश्किल नहीं मेरे लिए ,
ढह गए अरमानोंके खंडहर को कई बार फिर संवारा है मैंने ,
शायद उसके बनने पर खुद की चुक नज़र आ गयी कहीं पर ,
खुदके हाथोंसे गिराकर फिर नयी तस्वीर उभारी हमने ............
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