तेरी बिरहकी बसंत खिली थी फिजामें ,
हर शाख पर यादोंकी कलियाँ खिलनेको थी ,
तेरी सदाने ख़ामोशीके सूरको बिखेर दिया ,
तय ना कर पाए की तेरे बिरहमें इन्तेहाँ थी प्यार की ,
या तुम्हारे आने पर .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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