तुम मिले तो लगा
जैसे अँधेरी रात को शमा मेहरबान हुई ....
तुम मिले तो लगा
जैसे एक पंछी को उड़ने की आस मिली ....
तुम मिले तो लगा
मेरे सपनोको पंखो की परवाज मिली ....
तुम मिले तो लगा
मेरी खोई आवाज मिली ....
तुम मिले तो लगा
आवाज को नयी अल्फाजोंकी चुनर मिली .....
तुम मिले तो लगा
तुम मिल गए तो और कुछ नहीं चाहिए ,
खुदा के दरवाजे मेरी दुआ कुबूल हुई .........
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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