उसके सलाममें मेरा नाम नहीं था ,
क्योंकि उसकी निगाहोंमें मेरी तलाश थी ,
उसकी बेकरारीमें मेरा इंतज़ार था ,
मायने तलाश रहे थे जिस शब्दको शायद वही प्यार था .....
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मिलनेसे जिसे लगे मेरी दुआ कुबूल हो गयी ,
दूर हो जब मुझसे तो लगे अंधेरोंसे जिंदगीको दोस्ती हो गयी ,
वो आये जिस पल लौटके तो लगे मेरी सुबह हो गयी ,
उनके साथमें बीते पल कहे मेरी जिंदगी आज जन्नतका नूर हो गयी .....
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प्यार के पढ़े अफसानोंमें कभी यकीं नहीं हुआ ,
कोई मेरे दिलके कभी करीब नहीं हुआ ,
बस क़यामत का वो पल एक दिन क्या हुआ !!!
लगा मेरे वीराने दिलको उससे प्यार हुआ .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, प्रेमपूर्ण रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंउसके सलाममें मेरा नाम नहीं था ,
जवाब देंहटाएंक्योंकि उसकी निगाहोंमें मेरी तलाश थी ,
उसकी बेकरारीमें मेरा इंतज़ार था ,
मायने तलाश रहे थे जिस शब्दको शायद वही प्यार था .
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..बहुत सुन्दर..हर पंक्ति दिल को छू जाती है