हमारे पास बहुत कुछ है
धन दौलत ,मानसम्मान ,बंगला गाडी ,नौकर चाकर
बस हमारे पास तुम्हारे लिए वक्त नहीं है ......
पर हमारा वक्त है तुम्हारे लिए खुशियाँ बटोरने के लिए .......
उस पथरायी आँखोंमें इंतज़ार लिए
रुखसत कर गयी जब हमारी हमनवा इस दुनिया से ,
तब पता चला वक्त का क्या मोल है ...
वक्त कैसा छलावा है ???
हाथमें सरक जाता है घडी भर मोहलत देता नहीं ....
कभी हँसी के सुर छेड़ता है लब पर
कभी गम की अँधेरी गलीमें गुमनाम छोड़ जाता है ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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bahut hi sundar rachna !
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