कल आऊंगा मिलने आपसे
करीब पॉँच साल पहले उसने मुझे कहा था ,
तक तक अँखियाँ थक गयी
पर वो आया नहीं ....
कोई मजबूरी रही होगी
या कोई मुझे ढाढस बंधाने के लिए कहा होगा ,
पर एक बात हो गयी
उसका इंतज़ार मेरी जीने की वजह बन गया ....
एक उम्मीद मेरी साँसों को जिन्दा कर गयी ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
11 नवंबर 2010
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