तनहाईकी गली से गुजर कर देखा तो बहुत थे वीराने
वीरानोके बीच सूखे पत्ते से थे उड़ाते हुए कुछ अफ़साने
अफ़सानेके सफों पर उठाकर देखा तो
तेरा और मेरा नाम लिखा था ...
कुछ पहचाना कुछ अनजानासा पयगाम लिखा था ...
ये सफे पता नहीं किस किताबसे उड़कर बिखरे है ???
पर इनसे मुझे पता चला
कोई मोहब्बत जाया नहीं जाती है ...
दिलकी कलमसे लिखा हर खामोश अफसाना
कह जाता है बहुत कुछ जो अनकहा भी रहा हो ....
उठाकर उस पत्ते को मेरे साथ ले आया
सबसे कीमती तोहफा मुझे मिला
आज मेरे नए जन्मदिन पर ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
पर इनसे मुझे पता चला
जवाब देंहटाएंकोई मोहब्बत जाया नहीं जाती है ...
बहुत खूब
वाकई खूबसूरत तोहफा ...
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (11/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
सुंदर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी
कह जाता है बहुत कुछ जो अनकहा भी रहा हो ....
जवाब देंहटाएंउठाकर उस पत्ते को मेरे साथ ले आया
सबसे कीमती तोहफा मुझे मिला
आज मेरे नए जन्मदिन पर
बहुत खूब
बहुत नाजुक भावों को दर्शाती रचना |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा