बांसुरी की तरह
राधा की तरह ,मीरा की तरह ,होठों पर लगी सदैव ,
अय कान्हा तुझ बीन अधूरी सी ....
खोखले बांसुरी के देहमें
छेद्की पीड़ाको बिसराकर अधरों पर सूर बन सजी सजी सी
ब्रजकी हवाओंमें घुली घुली सी
कान्हा बस तेरी दीवानगी सी मुझे बना ले .....
बिरहाकी ज्योतमें जली जली सी
तुम्हारे नाममें तुमसे पहले मिली मिली सी
शाश्वत प्रीति की पहली परिभाषा सी
कान्हा तेरी रग रगमें समायी सी राधाकी दीवानगी सम मुझे बना ले ....
दीवानगीकी इन्तेहा बनी बनी सी ,
करताल और एकतारेके रागोंमें बही बही सी ,
विष कटोरेमें तुम्हारी छविको पी गयी सी ,
कान्हा तेरे नामको पदोंमे रिझाती हुई मीरासा मुझे बना ले ....
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंकृष्ण प्रेम मयी राधा
जवाब देंहटाएंराधा प्रेममयो हरी
♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं
रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं
रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं
गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये