दिल टूट गया ख़ामोशीसे
किरचे चुभी जब नंगे पाँवमें
लहू के कतरे बहे कुछ
तब जाकर पता
ना वजह पता चली
ना पता चला ये कौन तोड़कर चला गया ???
पर एक हलकी सी मुस्कान लहरा गयी
देखो कितने सारे दिल बिखरे है फर्श पर
जो कभी एक ही हुआ करते थे ...
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
देखो कितने सारे दिल बिखरे है फर्श पर
जवाब देंहटाएंजो कभी एक ही हुआ करते थे ...
अत्यंत सुन्दर पंक्तियाँ ... सुन्दर रचना ,,,आके ब्लॉग की यात्रा पहली बार की ...अच्छा लगा !,,,समय निकालकर पर पिछली रचनाएँ भी पढता हूँ ,,,शब्दों के इस सुहाने सफ़र में आज से मैं भी आपके साथ हूँ ,,,चलो मिलकर चलते है .....!
बहुत पसन्द आया
जवाब देंहटाएंहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंदेखो कितने सारे दिल बिखरे है फर्श पर
जवाब देंहटाएंजो कभी एक ही हुआ करते थे .
वाह ...बहुत सुन्दर