20 जुलाई 2010

और बात होती !!!!

बहुत साल तक मंजिल दर मंजिल मिले तो क्या मिले ???
बस थोडा बिछड़ भी लेते तो कोई और बात होती .....
तुमसे बात करना तो एक बहाना था
उसमे एक आह सुनाई देती तो कोई और बात होती .....
हज़ार इम्तिहान ले रहा है ये जहाँ हमारे इश्क का
तुम्हारी कामियाबीके लिए हम हरकदम नाकाम होते तो
बस ये ही मेरे इश्क की इबादत होगी .........

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