गर्मीकी छोटी सी रात हो सर्दीकी कपकपाती हुई लम्बी रातें ,
सारे मेरे राज़ ए दिल जानता है वो मेरी रातोंका हमसफ़र .....
मेरी पलकोंके देखे अनदेखे सारे सपने का गवाह है वह ,
मेरे गिने हुए सारे तारोंका एक लम्बा सा हिसाब है वह ....
मेरी बोजिल आँखोंमें नींद बनकर आता है हर रात वह ,
मेरी झुल्फोंको एक मात्र आसरा है वह .......
मैंने छुपाये सारे गम अपने इस दुनियासे पर वो सब जानता है वह ,
क्योंकि जब वह बहे थे अश्क बनकर खुदको उस की धारामें भिगोता था वह .....
आइये आज इनका तार्रुफ़ आपसे करवा दूँ आज ,
हर रात मेरे इंतज़ारमें जागकर मुझे सुलाता है जो ,
मेरी रातों का हमसफ़र तकिया है वह ........
accha hai
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