25 फ़रवरी 2010

सादगी

पता है दुनिया में सबसे मुश्किल काम क्या है ?

सादगीको समजना सबसे मुश्किल है ...दस डिजिट की गिनती आसान है पर दस बटा दो कितना ये आजकी पीढ़ी के लिए बिना गणकयंत्र बताना मुश्किल है ...ऐसा क्यों ? कहीं ऐसा तो नहीं की ऊपर चोटी की चाहतमें हम जमीं पर रहना भूल रहे है ???

आज कल मेक ओवर का जमाना है ..अपने रंग रूप को बिलकुल बदल सकते हो आप ...थोड़े पैसे होने चाहिए पर मनको बदलने का कोई ब्यूटी पार्लर खुला नहीं अब तक ...तनाव कम करने के नुस्खेके नाम पर वजन कम करने के नाम पर वही सादे जीवन जीने के लिए नए तरीके से लोगो को सिखाया जाता है जो पाश्चात्य जीवनकी असर में हमारी जिंदगीके मुलभुत सिध्धांत भूल रहे है ...

शायद आपको ये जानकार आश्चर्य होगा की पिछले इक्कीस साल से मैंने अपने चेहरे पर पावडर भी नहीं लगाया ...लिपस्टिक दूर की बात है ...घर के बर्तन को छोड़ सारे काम खुद ही करती हूँ ...ना मुझे कोई जिम जाने की जरूरत पड़ी है ना कोई क्रीम की ...मेहनत की लाली चेहरे पर रहती है ...जाड़े के दिनोंमें कच्चे दूध की मलाई का जादू काम करता है .....जरूरत पड़े तो साइकिल चलाते भी शर्म नहीं महसूस होती ....ये सादगी की मजाक भी उडाई जाती है पर मुज पर कोई असर नहीं होता .....

इंसान को तंदुरस्त रहने का एकदम सादा नुस्खा एक ही है ...जिसे पढ़कर शायद सब यही कहेंगे की ये पोसिबल नहीं पर ये सच है :

रोज एक ही टाइम पर सुबहमें जाग जाओ ...खाने पिने का वक्त भी एक ही रखो ...रात को एक ही वक्त पर सो जाओ ..अपनी दिनचर्या के क्रम में छेड़खानी करना छोड़ दो ...पुरे छ घंटे की नींद ले लो ...शायद ही डॉक्टर की जरूरत पड़े ....ये आजमाया हुआ नुस्खा है .....साधारण बुखार हो तो एंटी बायोटिक दवाओं की जगह सादी दवाई लो ...शरीर को भारी दवाओं का आदि मत बनाओ ...जिंदगी ही तो सब कुछ है ...जब जिंदगी ही ना रहे तो सब कुछ पास हो पर इसका मतलब नहीं ....

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