29 जनवरी 2010

एक सुबह ऐसी भी ....

कभी कभी हम रोजमर्रा की जिंदगी मशीन की तरह जीने से बोर होते है पर हमें फिर उसी ढर्रेमें मजबूरीमें चलना पड़ता है ...और ये सिर्फ हमारी नहीं हर इंसान जो आजके युग में सांस लेता है सबकी ही है ...लेकिन अगर थोडा नजरिया बदले तो मुश्किल भी आसान बन जाती है ....

बस ये कल ही मेरे साथ हुआ ....

मेरी बेटी को कोलेज जल्दी जाना था ..सारा घर का काम छोड़कर उसे कोलेज ले गयी ...मेरी काम वाली भी तब तक नहीं आई थी वो भी एक चिंता ...!!!वैसे तो अपना टू व्हीलर स्टार्ट करने से पहले ही मैं पेट्रोल चेक कर लेती हूँ पर कल जल्दी में नहीं किया ...कोलेज से लौटते वक्त आधे रस्ते में पेट्रोल ख़त्म हो गया ...अपने पर्स में पेट्रोल जितने पैसे ही पाए ...अब रिक्क्षा करके घर जाना भी शायद मुमकिन नहीं था ....थोडा सा खिंचकर ले जाए तो पेट्रोल पम्प पास ही था मैंने गाडी खींचकर ले जाना शुरू किया ...सारे वेहिकल तेज रफ़्तार से दौड़ रहे थे ...सबकी नज़र सिर्फ आगे के रस्ते पर ही ...मुझे एक लड़का मिला अपनी मोटर साइकिल ठीक कर रहा था ...आगे एक पुल पड़ता था वहां पर एक सुमो गाडी का ड्राईवर अपनी गाडी के साथ उधेड़बुन कर रहा था फिर मोबाइल मिला रहा था ...कुछ बन्दे रोंग साइडसे आ रहे थे ...तब मेरे जहन में एक गाना चल रहा था :

बहती हवा सा था वो ,उड़ती पतंग सा था वो ,

कहाँ गया उसे ढूंढो ...

हेवी ट्राफिकमें जैसे तैसे रोड क्रोस किया ..पेट्रोल पम्प के बाहर ही एक बड़ा सा होर्डिंग लगा था ...थ्री इडियट फिल्म का ...आमिर और करीना स्कूटी पर बैठे ...आल इज्ज़ वेल कहते हुए ....मुझे वो देखकर ही जोरों की हँसी आ गयी ...

बस यूँही कितनी भी देर हो रही थी उसकी चिंता छोड़कर इतने सारे मिनट मैंने हर लम्हे को जी भर के जी लिया ...दौड़ती जिंदगी में रुकी सी मेरी जिंदगी मुझे एक बेहतरीन ताज़गी दे गयी ...मुझे ये फ़िक्र नहीं थी की कोई देखेगा तो क्या कहेगा ....

बहुत आम यानी की मेंगो पीपल की बात है ...पर शायद ऐसे बेतुके पलोंको भी जी भर के जी लेना इसी का नाम जिंदगी है .....लाखो पल ऐसे आते है सभी की जिंदगी में पर ऐसे कुछ पल को चुरा लो ...

अपनी गाडी का पंक्चर बनवाते वक्त वहां बस सड़क को देखो ...उस मेकेनिक का काम देखो ...वहां पर जो घट रहा है उस नज़ारे को देखो ...

सच कहूँ कल ऐसी भी कल्पना आ गयी की ऐसा गर रिमजिम गिरती बारिश के वक्त होता तो शायद मैं आधे घंटे तक यूँही ये नज़ारे को देखती रहती ...

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