एक दिन भगवान को भी एक अच्छा मजाक सुझा...
इंसान को पुतला बना दिया और ??!!
पेड़ पौधोंको चलता फिरता कर दिया ...
देखो देखो उस दिन क्या मजा आये है ....
पेड़ पौधे भी सुख दुःख अपने दिन पुरे बतियाये है ....
आम और नीम मोटरसाइकिल पर होकर सवार मुंबई घुमने जाए है ....
हाथी के दो जुंड प्लेन को पीठ रख कर पालतू जानवरों को
प्लेन की मुफ्त में सवारी कराकर जंगल दर्शन करवाए है ...
ऐ देखो ये नटखट नारियली कैसे हिमालयका पहाड़ देखने जाए है ....
बर्फ के गोले बनाकर नारियल में छुपाये जाए है ....
वो हिमालय के पेड़ भी है बड़े शैतान ,
दरिया किनारे जाकर रेत में घर बनाये है ....
खजुरी का पेड़ भी कम थोड़े है ही है ...
वो गंगा स्नान करके पुन्य कमाने अलाहाबाद को आये है ....
ये छोटे छोटे पेड़ोंके ट्राफिक पुलिस बने है शेर और फिर
देखो गधों कुत्तोंसे कहकर शहर के सारे वाहनके पहियों में छेद बनाये है ....
ए ले इंसान तु भी चख मजा कहकर
पुतले इन्सानको खुजली का पेड़ गुदगुदी करे जाए है ....
भगवान को भी अपनी ये लीला खूब सुहाए है ....
अवार्ड देने हमें कल खुद हमरे पास वो आये है ....
सबने हमें थेंक यु कह कर हमें ताड़ की फली भी खिलाये है ...
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
आपकी कल्पना तो बहुत शानदार है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया कल्पना!! सुन्दर रचना!
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