आज तक़दीरने मेरे हाथोंमें कलम दवात थमा दी
कहा लिख ले अपनी किस्मत खुद ही खुद को आजमाकर ,
लिखती गयी मिटाती गयी ,
कागज़ कोरा ही कर दिया फिर सुपुर्द उसके ,
गर जान लुंगी खुद तक़दीर तो जीने का मज़ा खत्म हो जाएगा ,
तु लिखती जा मुझे बिन बताये जो भी लिख सके.....
कुछ तु अजमा ले हमको कुछ हम तुम्हे भी आजमाएंगे ....
mera jeewan kora kagaz....shayad taqdeer ko us bhagwan ke bhrose hi chhodna theek hai ,hum chah kar bhi likh nhi sakte!
जवाब देंहटाएंwaah ,,,,bahut hi sundar baat kahi hai agar jan lenge to jeene ka mazaa hi khatm ho jayega .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुती।
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