30 दिसंबर 2009

नए वर्षका इंतज़ार है .....

आज मैं बहुत ही मशरूफ हूँ ....
अपने आँगनमें एक बड़ा सा गढ्ढा खोद रही हूँ ...
आज घर साफ़ कर दिया ...
आज फिर दीवाली मना रही हूँ ....
वो सारी बुरी यादें और घावो को इस गढ्ढेमें दफ़न करने है .....
उस पर नीमका पौधा लगाना है ...
जितना भी जहर गाढ़ दिया है उसे ये चूस लेगा ...
बड़ा होगा तो ठंडी छाँव के साथ औषधि भी देगा .....
अच्छे पलों को नए फ्रेममें लगवा दिया है ...
और उसे दीवारों पर सजा दिया है ....
चलो अब नए साल की तैयारी करनी है ,
कुछ रोशनी करनी है उन बच्चोंके चेहरे पर भी ,
जो फुटपाथ पर आसमांकी चादर ओढ़े सो जाते है ,
मिलना है उन बुजुर्गोसे जिन्हें आजादी के दीवाने
उनके खुदके बच्चे वृध्धाश्रममें तनहा छोड़ जाते है ......

3 टिप्‍पणियां:

  1. नीम का पेड़ जरुर लगाये . नववर्ष की हार्दिक शुभकामना...

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  2. बहुत सही है .. नीम कई मर्ज़ों को दूर करता है। बहुत-बहुत धन्यवाद
    आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  3. तैयारी करिये.

    यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

    हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

    मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

    नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    आपका साधुवाद!!

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल
    उड़न तश्तरी

    जवाब देंहटाएं

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