खंजरसे पूछ बैठा झख्म जरा धीरे से तो वार होगा न ?
तब बोला खंजर घायल ही होना है ठीक होने के लिए दोबारा ,
हम तुम्हारे पर अपनी निशानी छोड़ ही जायेंगे
बस ये बेदिली रिश्तेकी हलकी सी कसक छोड़ जायेंगे .....
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उस पार नहीं जानेके लिए हम लौट गए थे ,
पर जिससे चुरायी थी नज़र उन्हीसे यहाँ सामना हो गया ....
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चाँदनी रोती थी बहुत चाँदसे बिछड़ने के बाद ,
उसे क्या पता था उससे ही तो चाँद रोशन था !!!!
बिना चांदनी चाँद का वजूद ही कहाँ ?
ख़ुद चाँदनी को ही चाँद भी तरस जाता था .......
bahut hi khoobsoorat khyal.
जवाब देंहटाएंबढिया कहा .. सुंदर !!
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