15 नवंबर 2009

बस एक पल ही ....

बस तेरे साथ जी ले इतनीसी इल्तजा करते है ,

कल के सूरजकी हम दीवाने क्यों परवाह करेंगे ??

हमको आनेवाले पलकी नहीं ख़बर कोई ...

फ़िर भी क्यों हम उम्रके संध्या कालकी सोचा करेंगे ???

जी ले जी ले जीनेके लिए येही पल है ...

ना गुजरे वक्तको ख्यालोंमें धर ...

ना आनेवाले वक्तका इंतज़ार कर ....

आज की उषा न रहेगी उम्र भर ...

ये रात भी ना रहेगी सहरके बाद ...

बस ये पल किसीसे प्यार कर

और उसकी आज को उजागर कर दे .....

2 टिप्‍पणियां:

  1. ये रात भी ना रहेगी सहरके बाद ...

    बस ये पल किसीसे प्यार कर

    और उसकी आज को उजागर कर दे
    bahut sahi,jo hai isi pal mein hai,sunder bhawo mein gehri baat keh di.

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