जिंदगी तुम मुझसे जुदा ना होना ....
जिंदगी तुम मुझसे खफा ना होना ....
जिंदगी तुम मेरे करीब ही रहना हर पल .....
जिंदगी तुम मेरे मरने के बाद भी जिन्दा रहना .....
अकेले तो सफर तय नहीं किया किसीने कभी ,
पल दो पल का हो या हो उम्रभरके लिए ,
हमसफ़र मेरे साथ चले हरदम अय जिंदगी तेरी राहों पर ....
कभी नर्म फूलों की बिसात मिली कदम कदम पर ,
कभी जल गई एडियाँ फफोले बन कर ,
कभी फूल पर चलते हुए भी कांटे चुभ गए
मेरे नंगे पैर को लहू लुहान कर गए ....
कभी कड़ी धुपमें पिघले डामरकी सड़क भी
बर्फसी ठंडक देकर कप कपा गई ......
तेरी हर तासीर पर दिल लुभाता गया हर मंज़र ,
बस फ़िर भी ये इल्तजा है
मेरी जिंदगीके बाद भी तू यूँही जिन्दा रहेना ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
बहुत सुन्दर जिंदगी !!!
जवाब देंहटाएंतेरी हर तासीर पर दिल लुभाता गया हर मंज़र ,
जवाब देंहटाएंबस फ़िर भी ये इल्तजा है
मेरी जिंदगीके बाद भी तू यूँही जिन्दा रहेना ...
भावों से भरी कविता.
मेरी जिंदगीके बाद भी तू यूँही जिन्दा रहेना ....
जवाब देंहटाएंखुबसुरत अन्दाज जिन्दगी का।
जिंदगी के बहुतेरे रंग ला खड़े किये अपने, अछ्छा लगा
जवाब देंहटाएंतेरी हर तासीर पर दिल लुभाता गया हर मंज़र ,
जवाब देंहटाएंबस फ़िर भी ये इल्तजा है
मेरी जिंदगीके बाद भी तू यूँही जिन्दा रहेना ......
बहुत सुंदर....!!