खरोंचे और देखे मैंने खुबसूरत चेहरोंको ,
नाखून तेज नहीं थे फ़िर भी लहुलुहान हुआ मेरा दिल ,
ये खुबसूरत चेहरोंके पीछे छुपे
वो काले दिल जो दिमागी गन्दगीसे थे भरे ....
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कब कहाँ किस जगह कोई मिल जाए ,
पल भरके साथमें भी सारे जनम का सुकून दे जाए !!!!!
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शायद वो तुम ही थे कल रातमें मुझे मिले नकाबमें ,
बस जहनमें रह गई है वो आँखें तकती मुझे प्यारके इकरारमें ...
कब कहाँ किस जगह कोई मिल जाए ,
जवाब देंहटाएंपल भरके साथमें भी सारे जनम का सुकून दे जाए !!!!!
sundar bhaav
नाखून तेज नहीं थे फ़िर भी लहुलुहान हुआ मेरा दिल ,
जवाब देंहटाएंये खुबसूरत चेहरोंके पीछे छुपे
वो काले दिल जो दिमागी गन्दगीसे थे भरे ....
wah kya baat ...bahut hi chotwe sabdo mein bahut hi gahri baat wah preetiji ...wah