परिंदे के पर पे लिखा एक पैगाम है ,
वो पंख मेरे महबूबकी अटारी पर गिराना ......
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मोहब्बतकी सलामतीकी दुआ क्यों ?
खुदाकी हयाती पर आज शक क्यों ?
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ऑसकी बूंद नूर लायी ,
तेरे फिराकमें बहे अश्क का ...
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कांचको तराशा एक मूरत बनी ,
ना जाना ये तो पत्थरका सीना लिए है ......
परिंदे के पर पे लिखा एक पैगाम है ,
जवाब देंहटाएंवो पंख मेरे महबूबकी अटारी पर गिराना ......
bahut sunder baat
असाधारण शक्ति का पद्य
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