7 अक्तूबर 2009

बेघरको आशियाने की है तलाश

किसीकी अमानत को बरसों तक सहेज रखा है ,

अपनी जानसे ज्यादा संभालकर रखना है ,

कल बेदखल कर दिया गया अपने ही घर से ,

ठिकाना न रहा जब अपना अब अमानतके लिए ठिकाना ढूँढना है ?

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तुम्हारे दिल में घर बनाना है मुझे

पर उसमे तो बड़ी भीड़ लगी रही है ...

एक जर्रे भर की जगह की तलाश है मुझे

साँस भरनेके लिए एक खिड़की खोल देनी है ....

3 टिप्‍पणियां:

  1. एक जर्रे भर की जगह की तलाश है मुझे

    साँस भरनेके लिए एक खिड़की खोल देनी है
    waah behtarin.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर शेर कहे हैं आपने।
    करवाचौथ और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
    ----------
    बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?

    जवाब देंहटाएं
  3. वेदना, करुणा और दुःखानुभूति का अच्छा चित्र।

    जवाब देंहटाएं

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