चलो रोक लो आज बहते वक्त को ,
रोक लो ये भागती जिंदगी को ,
रोक लो ये हांफती साँसों को ,
बस थोड़ा सुस्ताकर फ़िर चलते है .....
ये तेल जो कम हो रहा है दिए का ,
उसमे फ़िर थोड़ा सा तेल डालो खुशी का ,
आज वो दिली मुस्कराहट छुपायी है ,
अलमारीके चाबी वाले लोकरमें निकाल लो ,
आज तुम्हे जो भी मिले उसे बाँट लो वो हँसी ,
देखो दीवाली के आने से पहले
आलम खुशगवार कर दोगे ......
ये इल्तजा है मेरी ,
क्या आप उसे पुरा कर दोगे ??
रोक लो ये हांफती साँसों को ,
जवाब देंहटाएंबस थोड़ा सुस्ताकर फ़िर चलते है .....
ये तेल जो कम हो रहा है दिए का ,
उसमे फ़िर थोड़ा सा तेल डालो खुशी का
aare waah ye khushi ka deep yuhi timtimata ahe hamae aur aapke hothon par uskan banke,sunder rachana.
khushiyon ka aahwan karti rachna.........badhayi.
जवाब देंहटाएंसही सच्ची रचना आशा जगाती हुई ..
जवाब देंहटाएंदिलचस्प विवरण।
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