मुझे मेरी तन्हाइयों का गम नहीं
गुजरे हुए लम्होंने कभी तनहा ना छोडा मुझे ....
कभी हंसती हुई कभी शरमाती हुई ,
कभी कुछ नाराज़सी कभी सिसकियोंसे सिली हुई ,
यादोंकी बारिश ये रिमज़िम सावनसी भिगो जाती मुझे ,
गर्म सहराकी धुपसी यादें पसीनोंसे तर कर जाती मुझे .......
यादोंके भी कुछ तिलस्मी राग होते है ,अंदाज़ होते है ,
कभी आतिशके शरारे होते है,जो हम जलाकर राख करती है .....
जब तुम्हारी याद मेरी निगाहोंको नम करती है ,
तब तुम्हे भी हिचकियाँ आती तो होगी ,
तुम्हें भी मेरी तरह डूबती शामके रंगोंकी फिजामें
एक तस्वीर नज़र आती तो होगी ..........
हथेली पर सरकता वक्त जैसे फिसलता था रेशमी रेत सा लगा ,
देखो खाली हो गए ये मेरे हाथ ,
पर मेरे दामन पर याद बनकर अनगिनत किस्से बिखरे है ............
yadon ke motiyon ko bahut hi khoobsoorti se piroya hai.
जवाब देंहटाएंpls read my bew blog:http://ekprayas-vandana.blogspot.com