पता नहीं तुम मेरी कौन हो ?
पर जो हो तुम मेरी रूह की तरह हो ....
जब तुम्हारा सामना होता है
लगता है आयने में खुद को देखा
शक्ल बदल गयी है पर
जबां पर थमे लब्ज़ जैसे सुन लिए ....
मेरा मौन भी बहुत कुछ कह गया ....
कुछ पगली सी कुछ दीवानी सी
एक अनजाने रिश्तेसे बंधी
कहो तो कुछ भी नहीं मैं तेरी
पर तुम्हे अपना स्व माना है
एक दीवानीने प्यार को आज जाना है ....
चाँदकी तरह शीतल हो तुम
दाग भी तुम्हारे तुम्हारी सुन्दरता पर देखो चार चाँद लगा गए ....
बहुत खूबी से आप शब्दों के माध्यम से सब कुछ कह देती हैं
जवाब देंहटाएंदाग भी तुम्हारे तुम्हारी सुन्दरता पर देखो चार चाँद लगा गए ....
जवाब देंहटाएंदाग भी तो कभी कभी बेदाग होते है
बहुत सुन्दर