उसकी शर्त थी हम सिर्फ़ दो दिन तक ही मिलेंगे
बस फ़िर कभी मिलना ना होगा ,
बस दो दिन में जी ले जितना जीना हो तुम्हे ,
उसके बाद इस राह के आगे का दोराहा होगा ....
दोराहे पर जाकर जिंदगी को थमा दी
दोराहे पर जाकर साँसों को रोक लिया
दोराहे पर जाने से पहले जिंदगी ही रुक गई
दोराहे पर जाने से पहले जुदाई हो गई .......
बस अब तू शर्त हार गया दोस्त
और देखो मेरा प्यार जिन्दा रहा
मैं इस दुनिया में साँस तो नहीं ले पाया
पर तुम्हारे दिल की धड़कन बन धड़कने लगा ....
शर्तो पर प्यार नहीं किया करते
शर्तों पर प्यार करने वाले शर्तों को हार जाया करते है .......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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ishq aazad ho,koi bandagi na ho ,sahi sharton par ishqki buniyad nahi hoti,gehre jazbaat.
जवाब देंहटाएंwaah waah............sundar ahsaas.
जवाब देंहटाएंसुन्दर काव्य
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