जब ख़याल कुछ पक जाते है ,
कुछ खुशबू छोड़ने लगते है ,
इजाजत चाहते है किसीके नजर होने की ,
किसीकी ख्वाहिशमें पलने की जुत्सजू चाहते है .........
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जिसकी जुत्सजू करते रहे थे हम खयालोंमें
उनके दीदार पर दिल संभल न पाया हमारा ,
इजहार करने का मौका तो पा लिया था फ़िर भी ,
खामोश लबों से अफसाना बयां न हो पाया ......
wahhh ustad wahh kya baat hai..bahut gahri baat kah gyi aap ...ki jab khyal kuch pak jate hai.....
जवाब देंहटाएंswagat hai .......