कच्चे धागेमें बंधा प्यार भेज रही हूँ ,
आज बचपनकी यादोंको इस पातीके साथ भेज रही हूँ ,
दिलमें हर दुआ तेरे लिए निकल रही है
मेरे भाई आज राखीके दर्पणमें अपना बचपन भेज रही हूँ .....
दूर देस जो ब्याह दी है बाबुलने जिगरके टुकड़े को ,
बस अगले सावनमें मिलनेकी आस भेज रही हूँ ,
मांगती नहीं आज कुछ तुमसे ,
शोकेसमें वो बैठी गुडिया बतौर उपहार मांग रही हूँ .....
रक्षाबंधन पर शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंविश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन के पावन पर्व की शुभकामनाऐं.