जानती हूँ न आओगे कभी मुड़कर मुझे मिलने ,
फ़िर भी ना जाने क्यों पयगाम भेजती रही मिलने का ???
जवाब ना आएगा भूलेसे कभी तुम्हारा ,इंतज़ार उम्रभर का होगा ,
क्यों फ़िर भी हर रोज एक उम्मीदमें जीकर पाती भेजती हूँ ???
न शिकवा कर सकते है तुमसे ,ना वफ़ाकी कोई आस है अब ,
बस हरदम तुम्हारा ख़याल ही हमारे आस पास है .......
क्यों फ़िर भी हर रोज एक उम्मीदमें जीकर पाती भेजती हूँ ???
जवाब देंहटाएंन शिकवा कर सकते है तुमसे ,ना वफ़ाकी कोई आस है अब ,
sach kuch rishtey bas umeed ke sahare hi jitey hai hum,yahi umeed hame agli subhah ka intazar bhi karwati hai,dil janta hai,kewo kabhi nahi aayega,phir bhi ,ek umeed.....,bahuthi bhavuk lines,badhai.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबधाई।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबधाई।
wahhh kya baat hai.....waise aap thek to hai ? i think kuch to gadbad hai??
जवाब देंहटाएंBahut sundar.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-T & S }