पूछा कभी बहारोंसे खुशबू कहाँ से लाती हो ?
कहा उसने खुशबू कहाँ है ? ये तो आपका नजरिया है .......
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मुझे कभी अपनेसे प्यार करना कहाँ आया ,
ये तो तुम थे जिसने मुझे प्यार करना सिखाया ,
अपने आपसे नहीं बेगरज किसीसे प्यार करके तो देखो ,
जहांसे ही दिल भरकर प्यार मिल जाया करेगा ....
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क्या फर्क है जन्नतमें और जहन्नम में ?
फर्क तो बस नजरिये का ही है ....
क्या होती है इब्तदा और इन्तेहाँ ?
फर्क तो बस नजरिये का ही है .....
जहाँ इन्तेहाँकी आखरी कड़ी है
वहां पर ही किसीकी इब्तदा होती है .........
अत्यन्त सुन्दर रचना
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1. चाँद, बादल और शाम
2. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
फर्क तो बस नजरिये का ही है .....
जवाब देंहटाएंजहाँ इन्तेहाँकी आखरी कड़ी है
वहां पर ही किसीकी इब्तदा होती है .........
waah sahi fark bas nazariye ka hai.bahut khub
जी हाँ! सब नज़रिये का ही मुद्दा है
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना