चलते चलते कदम कुछ देर रुक गए
रुक कर पीछे मुड कर देखा तो
जवानीकी हँसी यादें थी और बचपनकी अठखेलियाँ भी ,
मैं मुस्कुराकर आगे चलता गया नए मकाम तक .......
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जिंदगी चलने का नाम है
हम रुक जाए वो तो चलती रहती है ,
घड़ी बिगड़ जाए तो वक्त नहीं रुकता ,
सहर से शाम का सफर तो चलता ही रहा है ......
sahi...zindgee chalti rahti hai...peeche chhodh jaati hai boht si khatti meethhi yadein.....
जवाब देंहटाएंघड़ी बिगड़ जाए तो वक्त नहीं रुकता ,
जवाब देंहटाएं==
सही कहा है हमे वक्त के साथ चलना ही होगा
घड़ी बिगड़ जाए तो वक्त नहीं रुकता ,
जवाब देंहटाएंसहर से शाम का सफर तो चलता ही रहा है ......
sahi farmaya,waqt kaha ruka hai kisike liye,subhah se shaam hoti hi hai.bahut khub.