14 मई 2009

शिकायत कर लो ......

दिलसे कुछ आहट आई ,

अरमानोने ली भली सी अंगडाई ,

उठती हुए खयालोंने शब्दकी एक शमा जलाई ,

और देखो उससे उठती लौने तेरी तस्वीर बनाई .............

==========================================

आँखोंसे बहा ये काजल गालों पर यूँ बिखरा ,

जैसे एक लटमें सिमटी काली सी रात चाँद पर निखर गई ......

===========================================

तेरे हुस्न को लब्जोंमें कैसे कैद करें हम ?

हर कैदसे आजाद सी खुशबू बन बहती है सबामें ..........

===========================================

हरदम शिकायत करते हो नींद नहीं आती ,

यादोंको समेटकर दामनमें नींदमें ही आप जगा करते हो .............

1 टिप्पणी:

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...