एक बात निगाहोंके इशारों में थी ,
एक बात लब्जोकी नजाकत में थी ,
एक बात खामोश जज्बातोंमें थी ,
पर याद नहीं आ रहा वो बात क्या थी ?
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कल शाम उनसे आंखों आंखोंमे गुफ्तगू हो गई ,
शायद सोये नहीं होगे मेरे ख्यालों में रात भर तो आँख उनकी लाल हो गई ,
दूसरी सुबह जब चेहरे को ख़ुद के देखा तो राज़ पता चला लाल आंखोंका ,
हमसे नजरे मिलकर हमें conjuctivitis देकर चली गई ......
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yaad nahi aaraha wo baat kya thi,aaji waah behtarin badhai
जवाब देंहटाएंbahut sahi....
जवाब देंहटाएंbahut khub kya baat kahi hai aapne
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