मायूस ना हो दोस्त मेरे कभी कभी यूँ भी हो जाता है ,
मंजिलोंसे बेहतर हमें उन तक पहुँचने का रास्ता नजर आता है .....
खुशियोंमे तो शायद हर शख्स भीड़में घिरा नजर आए ,
मगर मंजिलोंकी तरफ़ बढ़ते वक्त वह अकेला ही नजर आता है ....
मंजिलोंसे बेहतर हमें उन तक पहुँचने का रास्ता नजर आता है .....
खुशियोंमे तो शायद हर शख्स भीड़में घिरा नजर आए ,
मगर मंजिलोंकी तरफ़ बढ़ते वक्त वह अकेला ही नजर आता है ....
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इश्कमें फ़ना होना तो सब जानते है ,
पर उनकी यादोंको सजाकर रखना दिल में मुश्किल हो जाता है ,
कब्र की मंजिल तो आसान होती है दोस्त ,
पर यादोंके साथ जिंदगी को जिले जो वह सिकंदर कहलाता है ....
इश्कमें फ़ना होना तो सब जानते है ,
पर उनकी यादोंको सजाकर रखना दिल में मुश्किल हो जाता है ,
कब्र की मंजिल तो आसान होती है दोस्त ,
पर यादोंके साथ जिंदगी को जिले जो वह सिकंदर कहलाता है ....
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वो वफ़ा है या बेवफा इस बात पर तवज्जो क्यों दे हम ,
इश्ककी इबादतमें हमने तो सजदा कर लिया उनकी यादमें ...
वो वफ़ा है या बेवफा इस बात पर तवज्जो क्यों दे हम ,
इश्ककी इबादतमें हमने तो सजदा कर लिया उनकी यादमें ...
हम उनकी यादों से कैसे महरूम रहे दोस्त ????
आलम तो ये है मेरी रूह बनकर कैदमें है मेरे दिलमे ,
उसे मैं वफ़ा कह दूँ या जीने की वजह कह दूँ ?????
उसे मैं वफ़ा कह दूँ या जीने की वजह कह दूँ ?????
बहुत सुन्दर, अभी पढ़ रहा हूँ
जवाब देंहटाएंpriti ji aapki rachana acchi hai.
जवाब देंहटाएंise ratlam, jhabua(M.P.), Dahod(Jugrat) se prakashi danik prasaran me prakashit karane ja raha hoon.
kripaya aap apana postal address mere mail par bhejen, taki apko prati bheji ja sake
pankaj vyas
pan_vya@yahoo.co.in
vyas_pan@redifmail.com
dhanyawad
बहुत सुंदर लिखा....
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