22 दिसंबर 2008

मेरे जागने का इंतज़ार कर रही थी .......



रातमें हमने चाँद और सितारोंकी जगमगाती दुनिया देखी थी ,

सुहानी दुनिया थी रंगबिरंगी ख्वाबोंसे भरी हुई थी ,

सुबहमें सूरजने हमारा माथा चूम लिया प्यारसे और जगाया ,

देखा तो ख्वाबोंसे भी सुंदर दुनिया मेरे जागने का इंतज़ार कर रही थी ..........


=======================================================

क्यों ऐसा लगता है कोई देखता है हमें हरदम ?

क्यों ऐसा लगता है कोई रहता है आसपास हरदम ?

क्यों ऐसा लगा की किसीने गिरते हुए संभाल लिया हमें ?

क्यों ऐसा लगता है किसीने दर्दको हमारे गले लगा लिया प्यारसे ????


=====================================================

1 टिप्पणी:

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...