5 दिसंबर 2008

मुझे इस जिंदगीसे प्यार है .................


आत्माका ओजस(नूर) है ये ...

नूर की बूंद व्याप्त है जीवनमें ...

ये एहसास है बहुत ही अद्भुत ...

मैं जिसे पहचानती हूँ प्यार के नामसे .....

हरेक साँसमें घुला है ये पहचानों इसे ,

आपके भीतरमें छूपा है ये पा लो इसे ,

आँखें घड़ी भर बंद करके देख भी लो ,

पलकोंकी चिलमनमें छूपा है ये ....

हाँ ...मुझे प्यार है .....

मुझे प्यार है जीवनसे ...

उसके हर पल से ....

मुझे मिलनेवाले जाने अनजाने हर चेहरेसे ....

ये जमीं से ,ये आसमानसे ...

ये सूरजसे - चाँदसे -सितारोंसे ....

ये गुलिस्तानसे ,ये फिजाओंसे ,ये बहारोंसे ,ये तितलियोंसे -भौरोंसे -पंछियोंसे ....

महक है प्यार की यही जो जिंदगी में है घुली हुई हरदम ........

प्यार छलकता है स्मितमें -आँसूमें ....

प्यार झलकता है चाहतमें -नफ़रतमें ....

मेरे लिए वह कोई चेहरा नहीं सिर्फ़ एक अनुभूति है .....

ए प्रेम ........

मुझे तुमसे प्यार है क्योंकि मुझे इस जिंदगीसे प्यार है .................

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