एक नयी दुनिया
टूटे दिलके टुकड़े समेट रहे थे हम
किरचोंने हाथ में लहू की मेंहदी रचा दी ...
जैसे एक अधूरी दुल्हनके अरमान हो सिसक रहे ...
बस वो तुम्हारा आना हुआ ...
शादीके जोड़ेमें ही हमारे पास ...
सारी दुनियाके हर बंधन तोड़कर
हमारे साथ एक नयी दुनिया बसानेकी हसरत लिए ....
वो टपकता लहू उसकी मांगमें ऐसे समाया
जैसे एक सुहागनकी मांग सजी सिन्दुरसे .....
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1 टिप्पणियाँ:
दिल को छू गई।
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