दो गज जमींके नीचे मिटटी ही थी
लेकिन कुछ नमींसे लदी थी ,
थोडी कम सूखी और पनपनेको आदर्श थी ,
बस वहां पर एक बीज मैं रख आई इंसानियत का ,
उसे रोज पानी देना है ,खाद भी दूंगी ,
और कीडोंसे हिफाजत करनी है ....
ये बीज मैं बो कर जा रही हूँ ,
मेरे बाद आप भी इसकी देखभाल करना ,
अपनी आने वाली पीढी को सुकून की जिंदगी का तोहफा देना .........
अरे रे रे ...
आज हमारे पास ये छोटीसी सोच के लिए भी एक पल नहीं है ,
इससे बड़ी क्या नाउम्मीदी है ????
ये बीज मैं बो कर जा रही हूँ ,
जवाब देंहटाएंमेरे बाद आप भी इसकी देखभाल करना ,
अपनी आने वाली पीढी को सुकून की जिंदगी का तोहफा देना
bahut pyari baat kah di aapne
संवेदनशील रचना।
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