10 जनवरी 2024

सफर

सफर में सन्नाटे थे,
सफर में शोर था,
सफर में साथ था,
सफर में हमसफर था,
सफर में एक मंजिल थी,
मंजिल के लिए वह सफर था,
मंजिल तक गुजरते गुजरते,
एक पहेली सा सफर था,
पहली की सुलजन की उलझन भी वह सफर था,
सफर में अंत के सन्नाटे में शोर था।

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