6 अगस्त 2024

बारिशें

खिड़की से झांका तो गीली सड़क नजर आई ,
बादलकी कालिमा थोड़ी सी कम नजर आई।
गौरसे देखा उस बड़े दरख़्त को आईना बनाकर,
कोमल शिशुसी 
बूंदों की बौछार लजाकर
ज़मींकी आगोश में जाने को 
बेताब सरकती नज़र आई ।

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