4 नवंबर 2009

एक बीज

दो गज जमींके नीचे मिटटी ही थी

लेकिन कुछ नमींसे लदी थी ,

थोडी कम सूखी और पनपनेको आदर्श थी ,

बस वहां पर एक बीज मैं रख आई इंसानियत का ,

उसे रोज पानी देना है ,खाद भी दूंगी ,

और कीडोंसे हिफाजत करनी है ....

ये बीज मैं बो कर जा रही हूँ ,

मेरे बाद आप भी इसकी देखभाल करना ,

अपनी आने वाली पीढी को सुकून की जिंदगी का तोहफा देना .........

अरे रे रे ...

आज हमारे पास ये छोटीसी सोच के लिए भी एक पल नहीं है ,

इससे बड़ी क्या नाउम्मीदी है ????

2 टिप्‍पणियां:

  1. ये बीज मैं बो कर जा रही हूँ ,

    मेरे बाद आप भी इसकी देखभाल करना ,

    अपनी आने वाली पीढी को सुकून की जिंदगी का तोहफा देना
    bahut pyari baat kah di aapne

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