23 अक्तूबर 2009

जहेमत

फुर्सत मिलती है फुरकत के लम्होंमें ,

तुम्हे पल भरके लिए रूबरू मिलने आते है ख्यालोंमें ....

===================================

वक्तको जकडा मुठ्ठीमें ,

पसीनेसे तर वो हथेलीमें चिपक गया ,

लम्हे होते वो मीठी यादोंके तो अच्छा था ,

नामाकुल ये तो वो निकले जिनसे मैं हरदम भागता था .....

===================================

जुबानको कुछ कहने की जहेमत दे दो ,

आँखों पर पलकोंकी चिलमन ढककर ....

3 टिप्‍पणियां:

  1. वक्तको जकडा मुठ्ठीमें ,

    पसीनेसे तर वो हथेलीमें चिपक गया ,

    लम्हे होते वो मीठी यादोंके तो अच्छा था ,

    नामाकुल ये तो वो निकले जिनसे मैं हरदम भागता था
    waah lajawab

    जवाब देंहटाएं
  2. यह देखें Dewlance Web Hosting - Earn Money

    सायद आपको यह प्रोग्राम अच्छा लगे!


    अपने देश के लोगों का सपोर्ट करने पर हमारा देश एक दिन सबसे आगे होगा

    जवाब देंहटाएं

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...