25 नवंबर 2012

जिंदगी मेरी एक जश्न है...

दावतें होगी मेरे जनाजे की बाद भी ,
जिंदगी मेरी एक जश्न है ,
खलिश रही दर के बाहर खड़ी हरदम ,
मेरे लिए तो मौत भी एक जश्न ही होगी .....
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कातिलाना अदाएं बना गयी मुझे काफिराना ,
तुझसे अलग सूरत खुदाकी सोच ही न पाए फिर ....
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पाना तुझे अगर इश्क का मुकम्मिल होता तो
तुझे पाने की तमन्ना भी जहनमें न करते हम ,
हमने तेरे दिलकी किताबके हर सफे पर ,
कोई गैरका नाम पढ़ लिया था ......
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कोई तमन्ना लेकर ,जुस्तजू पालकर जीना नहीं रास आया ,
उसे पूरा करने में एक हंसी जिंदगी निकल जाती है ,
वो जो सामने आ जाते है मंज़र कितने हंसी फिर भी ,
उसकी तलाशमें बस उम्र गुजर जाती है ......

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