अब कोई फ़िक्र नहीं ,
गमका भी जिक्र नहीं ,
साथ तुम्हारा एक दिलासा दे गया ,
मत डरना तुम किसीसे भी ,
कोई और भी है
जिसने कन्धा अपना थमाया
और कहा हौले से ,
अब थोडा दिल हल्का कर दो ,
ग़मोंको आंसू बनाकर बहा दो ,
देखो होठोकी चौखट पर बैठी है
वो छोटी सी हँसी
उसे भी बाहर आने दो ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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